IOC [ Immediate or cancel order] क्या है IOC order?
IOC order की व्याख्या :
IOC यानी Immediate or Cancel order शेअर मार्केट की संकल्पना है, जिसमे investor द्वारा ब्रोकर को सुचना दी जाती है, की तुरंत Stock खरीदना या बेचना है। अगर पूरी तरह से तुरंत खरीदी या बेचा नहीं जा सकता तो जितना execute कर सकते हैं उतना execute करके बचा हुआ – remaining portion cancel किया जाता है। इसे कहते हैं, Immediate or cancel आर्डर | कोशिश होती है कि ज्यादा से ज्यादा Order Execute हो। जो orders Execute नहीं होती वो cancel की जाती है।
IOC यानी Immediate or Cancel orders को accept order भी कहा जाता है। एक समय पे Entire order खरीदी Execute नहीं हो रही तो partial order Execute करके remaining order cancel हो जाती
है।
IOC आर्डर के प्रकार
IOC Order के दो type होते हैं,
- Market price
- Limit price
Market price पे ऑर्डर execute करना या एक विशिष्ट किमत पे buying selling करनाI (Desired price)
शेअर मार्केट की संकल्पनाएँ
AON (All or None)
FOK (Fill or kill)
GTC (Good till cancelled)
IOC order के फायदे
अगर Market Volatile nature दिखा रहा है, अस्थिर हैं, यानी भाव बहुत जल्द कम -ज्यादा हो रहे है, तो IOC order से तुरंत एक विशिष्ट भाव पें खरीदना या बेचना। जो orders Execute नहीं होती वो तुरंत cancel हो जाती है I Order place करने के तुरंत बाद orders Execute हो जाती है. (Buying or selling.)
अगर Insufficient liquidity होने के कारण
orders का कुछ portion Execute नहीं होता, तो बचा हुआ portion- बची हुई orders cancel हो जाती है।
(Insufficient liquidity -एक विशिष्ट किमत पे stock availability कम होने के कारण खरीदना – बेचना मुमकीन नही होता)
IOC उन Traders के लिए आवश्यक है, जो orders तुरंत Execute करना चाहते है, Waiting नहीं कर सकते,
HFT इसका मतलब High frequency traders. काफी use होता है।
Expected price and Executed
price में Gap नहीं चाहते तो IOC Immediate or cancel order का use किया जा सकता है। Clean, quick and efficient trading method
जिन traders को Speed चाहिए, वो इस वाली method पे भरोसा करते है।
अगर order बड़ी है, Bulk order है और capital जादा हैं, बहुत ज्यादा स्टॉक खरीदने बेचने है तो ये तरीका कारगर साबित हो सकता है |
Ioc के नुकसान क्या है?
अगर Liquidity कम हो तो orders Execute
नहीं होती।
HFT High frequency trading के
कारण Market में Liquidity and volatility बनी रहती है।
HFT के फायदे है और नुकसान भी है। HFT से overtrading का risk होता है, और without research overtrading होगी तो नुकसान भी हो सकता है।
Immediate or cancel order IOC काम कैसे करती है?
IOC order place करने से पहले आपको limit Price सेट करनी होगी और Time frame सेट करनी होगी। Set समय में, Set Price पे Stocks buy or sell order execute होती हैं I
अगर दिए हुए समय में order complete नहीं होती तो बची हुई orders cancel हो जाती है।
IOC tool की बाकी tools के साथ तुलना
IOC tool की बाकी tools के साथ तुलना
AON और IOC में थोडासा फर्क है, लेकिन Important है। आपको यह समझना पड़ेगा, कि AON में, order ” पूरी तरह से Execute होती है, या पुरी तरह से Cancel होती है”
IOC में ऐसा नहीं होता।
IOC में orders maximum Execution principle पे execute होती है। partial
completion and remaining Portion
Cancel हो जाता है, यह समझना जरूरी है।
AON मे जितने शेअर्स (Stock) खरीदने है, उतने available नहीं है तो order cancel
हो जाती है। मतलब liquidity का effect भारी मात्रा में AON में होता हैं, IOC में नहीं।
IOC order is time efficient.
AON order में समय ज्यादा लगता है, क्योंकि order Execute होने में समय लगता है, तो
waiting time longer और order execute होगी भी या नहीं इसकी गारंटी नही. Order execute होगी, waiting में रहना
होगा या order cancel होगी I
Partial order execute होने अगर बचना है, समय है तो AON order is a useful method.
FOK order
FOK order के बारे में जानेंगे और IOC order के साथ तुलना करेंगे।
FOK order (Fill or kill) AON order की तरह completly execute होती है, IOC की तरह partial execution नहीं होता।
ये एक AON order ही है। लेकिन इसमें समय बचाया जाता है।
देखा जाए, तो FOK order (Fill or Kill order) AON order और IOC order
का मध्य है। बीच का रास्ता है।
GTC (Good till Cancelled orders) Vs IOC
GTC में Buy or Sell order execute होती है या फिर investor अपनी तरफ से order cancel करता है। जितना समय order
execute होने में लगता है, उस हिसाब से
Brokerage लगता है।
Portfolio Day to day management
के लिए GTC बहुत उपयोगी है।
30 से 90 दिनों में GTC order expire हो जाती है। 30 से 90 दिनो मे order execute
या Cancel हो जाती है। यह समय broker के अनुसार अलग अलग हो सकता है।
investor अपने अनुसार सोच समझकर Manually इन orders को कभी भी Cancel कर सकते है।
Investor order लगाकर भूल गयेऔर काफी दिनो बाद order गलत Price पे execute हो सकती है. ये ना हो इसके लिए order expiry का प्रावधान दिया गया है।
अगर Stock Price 800 RS है तो Stock Price 750 Rs होने का आप wait कर सकते हो। इससे आप overvalued Stocks से बच सकते हो।
बाकी tools की तरह GTC के भी अपने
फायदे नुकसान है।
GTC समय बचाता है, opportunity ढूंढ़ता है लेकिन इसमे भी market Risk है। जो Stock आपको 750 Rs में खरीदना है वो शायद कल
850 में खरीदना पडे I
अगर मार्केट में Opportunity है तो IOC order Execute करके quickly ज्यादा से ज्यादा benefit मिल सकता है।
कम Price में Stock मिल रहा है तो जल्दी से स्टॉक buy kar सकते है और Stock गिरने की
खबरे आ रही है तो quickly Stocks बेच सकते है।
IOC में trader के पास कंट्रोल होता है कि वो अपने Stocks के साथ क्या करना चाहता है। लेकिन IOC trade risky साबित हो सकते है।
IOC order समझने में complex हो
सकते है। अगर आपका Attention अच्छा है, मार्केट के बारे में आपकी जानकारी सटीक है तो आप IOC order अच्छे से use कर सकते
हैं। ये ब्रोकर पे depend होता है कि वो
IOC order के लिए कितना fees लेगा। ये expensive fees ले सकता हैं। ये भी हो
सकता है।
Conclusion
शेअर मार्केट Risk free नही है। और हमें उतना ही invest करना चाहिए, जितना loss हम सह सकते है। Trading के लिए market knowledge और experience चाहिए।
without experience आपको Trading के लिए नहीं जाना चाहिए I
अगर इसके बारे में आपको कोई डाउट है तो आप हमारे ब्लॉग को नियमित रूप से पढ़ते रहिए। इस संबंध आपके किसी भी डाउट के बारे में पोस्ट आती रहेगी। साथ ही पोस्ट की शुरुआत में दिए गए लिंक से हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में भी जुड़ सकते हैं। धन्यवाद।